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बुधवार, 19 अगस्त 2015

मध्यप्राच्य का प्यारा द्वीप सोकोट्रा ...

सोकोट्रा.....Sokotra......

अमरिकीलोग इसे पृथ्वी पर परग्रह वासीओँ का द्वीप कहते है ।
Asia महादेश का यमन व African देश सोमालिया के मध्य समंदरमेँ आता है ये 4 द्वीपोँ वाला क्षेत्र !
4 द्वीपोँ मेँ सोकोर्टा सबसे बड़ा व मुख्य द्वीप है ।
यहाँ कि जनसंख्या कुल 30,000 के आसपास बताया जाता है ।
इसकी क्षेत्रफल 3796 वर्ग किलोमिटर हे ।
20वीँ सदी के शुरुवात मेँ पश्चिमी सोधकर्ता माना करते थे कि सोकोर्टा नाम संभवतः किसी ग्रीक शब्द का परिवर्तीत रुप होगा । परंतु बाद मेँ प्राच्य विद्वानोँ ने साबित किया कि सोकोर्टा मूल संस्कृत शब्द #सुखाधार का बदला हुआ रूप है । संस्कृत मेँ सुखाधार का अर्थ हे "सभी सुखोँ से लवरेज" !
सदीओँ पहले एसिआ व अफ्रिका व युरोप के बीच अछा व्यापारीक संपर्क हुआ करता था ।
सोकोर्टा का इसमेँ एहम योगदान हुआ करता था च्युँकि सोकोट्रा उन दिनोँ वाणज्यकेन्द बनकर उभरा था ।

गुजराती नौचालक इस द्वीप से आ रहे अजीव गर्जना के कारण इसे "सिकोतरो सिँह" कहते है ।

1967 से ये द्वीप यमन के शासनाधीन हे । इससे पहले लम्बे समयकाल तक यह द्वीप पर्तुगाली फिर अंग्रेजोँ के हातोँ मे आया था ।
सोकोर्टा का सबसे बड़ा सहर हाड़िवो मेँ जनसंख्या 8,000 है ,हालांकि बाकी 3 द्वीपोँ मे
कउतना विकाश नहीँ करपाया ।
यहाँ के लोग खजुर उत्पादन ,मत्स व पशुपालन आदि व्यवसाय के जरीये अपना गुजारा चलाते है ।
च्युँकि यहाँ कोई विद्युत उत्पादन व्यवस्था नही है अतः समूचे द्वीप मेँ मात्र जेनरटरो द्वारा ही विजली कि आपुर्ति कि जाती है !

आप यह जानकर और भी हैरान होगेँ कि यहाँ आज भी ऐसे लोग रहते हे जो रुपिया पैसा देकर नहीँ वरन अपनी मनपसंद चिजोँ के बदले सामान बेचा करते है ।
बैसे आधुनिकता ने यहाँ भी अपना कदम थाम लिया है परंतु लगता हे यहाँ वास्तुवादी विकाश मे अभी और वक्त लगेगा ।
अफ्रिकन आरब व भारतीय प्रजा के रक्तगत समिश्रण से सोकोट्रा प्रजा का सृष्ठि मानाजाता है । कहते है यमन का नाम दुनिया मेँ जनसंख्या के मुकाबले गन रखनेवाले देशोँ मे टप पर आता हे परंतु यमन का हिस्सा होकर भी सोकोर्टा के लोग हतियार नहीँ करते ।
यहाँ के लोगो का परस्पर अभिवादन का अपना एक अलग अनोखी रीत पायीजाती है ।
यहाँ के लोग आपसमेँ मिलते समय दुआ सलाम के बदले परस्पर नाक स्पर्श द्वारा अभिवादन करते है ।
सोकोर्टा मेँ बहत कम लोग अंग्रेजी बोलपाते हे इसलिये पुरे के पुरे द्वीप मेँ अलग अलग स्पेलिंग के साथ लिखा पायाजाता है सोकोर्टा नाम !!
द्वीतीय विश्वयुद्ध के दिनो मेँ नेदरलैँड ने इस द्वीप को कामचलाउ सैन्य कैँप बनाया था

फिर कुछ कालोँ तक यह जमीन सोमालियन लुटेरोँ का चारणभूमि बना परंतु अंत मे यमन ने इसपर अपना अधिकार प्राप्त करने मे सफल हो पाया ।
सोकोर्टा मे सिर्फ इंसान ही नहीँ यहाँ दिखनेवाले जानवर व वृक्षोँ का स्वरूप मूल भंखण्ड से भिन्न पाया गया है ।

***300 वर्षोँतक जीवित पायेजानेवाला #लोवान वृक्ष सोकोट्रा का मुख्य आकर्षण तथा रहस्यमय विषय है ।
इसे अंग्रेजी मे ड्रेगन ब्लॉड़ ट्री कहाजाता है ।
इस वृक्ष कि खासियत इसकी खास आकार व जीवनधारण प्रणाळी हे !
दूर से लोबान वृक्षोँ को देखनेपर लगता है मानो ये वृक्ष नहीँ वरन यहाँ किसीने सजा कर गुलदस्ता रखदिया हो ।
ये चिँताजनक हे कि सोकाट्रा मेँ लोवान वृक्षोँ कि संख्या सीमित व निरंतर घटता जा रहा है जो आनेवाले दिनोँ मेँ सोकोट्रा के जैव विवधता को क्षति पहचाँ सकता है ।

वहीँ सोकोट्रा पर इन दिनोँ ISIS व अलकाएदा का नजर पड़ा है । कुछ दिनोँ पूर्व इंलण्ड कि "द इकोनोमिस्ट" पत्रिका मेँ इस विषय पर खास लेख छपा था ! यदि इन संगठनोँ को इस क्षेत्र मेँ आतंकी गतिविधी बढ़ाने का मौका मिला तो सोकोट्रा को भयावह परस्थितिओँ का सामना करना पड़ सकता है ।