मुसलमान इतने निचे गिर जायेगेँ ये मैने सोचा न था । हर साल करोडो रुपये जम्मु कश्मीर को दिये जाते है ।पर ये खाते हमारे और गाते पाकिस्तान का । अब इन लोगो नेँ भारत का नाम बदनाम कर दिया ।युँ तो भारत मेँ Army वालोँ को लोग वहुत मानते और सन्मान करते है पर कश्मीर मेँ हुए इस हादसे के वाद मेरा मुसलमानोँ से भरोसा उठ गया है । गत बृहस्पतिवार तड़के लगभग पांच बचे बीएसएफ के एक गश्ती दल ने 25 वर्षीय मोहम्मद लतीफ (पुत्र मुस्तफा, निवासी डलवाह) को रोका और उससे पहचान पत्र दिखाने के लिए कहा।
वापसी के क्रम में उसी जगह पर लतीफ ने 15-20 लोगों को इकट्ठा करगश्ती दल को रोक लिया। इस दौरान उक्त युवक ने गश्ती दल के सदस्योंपर बदतमीजी करने का आरोप लगाया।
इसी बीच स्थानीय मस्जिद से गश्ती दल पर मुसलमानों के धर्म ग्रंथ काअपमान करने की गलत घोषणा की जाने लगी। इस कारण वहां भीड़ बहुत ज्यादा बढ़ गई, जो स्थानीय बीएसएफकैंप को घेर कर पत्थरबाजी करने लगी।
हंगामा बढ़ता देख बीएसएफ ने स्थानीय पुलिस को घटना की सूचना दी। स्थानीय पुलिस के मोर्चे बंदी के बाद स्थानीय लोगों की भीड़ अचानक छंट गई।
बयान के मुताबिक थोड़ी ही देर बादसैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग फिर से इकट्ठा हुए और बीएसएफ कैंप में घुसने की कोशिश करने लगे।
मेँ अपने मन का दास कलम का कर्मचारी हुँ जो मन मेँ आया लिखदिया । कोई पागल कहे तो मुझे क्या ? कहता है तो कहने दो ।।
ब्लॉग आर्काइव
शुक्रवार, 19 जुलाई 2013
हिन्दु
वो हिन्दु कैसा जिसे हिन्दोस्तान से प्यार नहीँ ।खडे है तलवार लिये दम है तो सामना करो । गरजते तो कुत्ते भि पर उनका कोइ औकात नहीँ ।देख मुल्लोँ नेँ दिया है तुझे रण ललकार । मारना या मरना है हो जाओ तैयार ।जब जब हिन्दु उठा है लिये हात तलवार । हिन्दुओँ को रोक सके ऐसा कोई हुआ नहीँ । हमको मिटाने आये थे खद ही मिट गये क्या अंग्रेजोँ का हाल हुआ तुम सबकुछ भुल गये ।औकात नहीँ है किसी का जो हम से आँख मिलाये । लुटा सब ने हमको हमने किसी को लुटा नहीँ । हमको सिखानेँ आये थे जैसे हम अनपढ गवार । भारत नेँ गिनती सिखाया सायद इनको ये पता नहीँ । (जय भारती-)
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