मेँ अपने मन का दास कलम का कर्मचारी हुँ जो मन मेँ आया लिखदिया । कोई पागल कहे तो मुझे क्या ? कहता है तो कहने दो ।।
ब्लॉग आर्काइव
रविवार, 24 नवंबर 2013
ये वही देश है
क्या ये वही देश है जाहाँ देवीयोँ की पूजा होती है ? क्या ये वही देश है जाहाँ देश को माता कहकर इसके रक्षा के लिये वीर अपना जान तक नौछावर कर देते है ? क्या वही देश है जाहाँ गार्गी,मैत्रेयी,अनसूया,रानी लक्षीबाई,चांद बीवी और मीरा जैसी ग्यानी और वीरागंनाओँ ने जन्म लिया ? हाँ हम गर्व से कहसकते है हमारे समाज मेँ नारीयोँ को सदा उच्च स्थान मिला है पर ये वही देश है जहाँ एक आदमी के कहदेने से राजाराम ने अपने पत्नी को वन मेँ छोडदिया । ये वही देश है जहाँ एक धर्मग्यँ राजा ने अपने पत्नी को जुआ मेँ हार गया । ये वही देश है जहाँ रुषिपत्नी अहल्या को गलती न होनेपर भी पथर बनना पडा । ये वही देश है जहाँ एक कन्या को पाने के लालसा मेँ चंडाशोक(सम्राट अशोक) नेँ लाखो उत्तकलियोँ(ओडियाओँ-Oriya people) की हत्या की । ये वही देश है जहाँ रातभर एक छात्रा की बलात्कार होता है और यहाँ की बाबा उलटे लडकी पर ही दोश लगा देते है । ये वही देश है जहाँ हर दश मिनट मेँ एक औरत की शोषण होता है यहाँ बालबिवाह कर उनके जीवन को नर्क बना दिआजाता है । रक्षणशील समाज मेँ तो सतीदाह आज भी प्रचलीत है । ऐसे मेँ मेरा भारत महान कैसे हुआ !!! ***(मातृवत परदारेषु परद्रव्येषु लोष्टवत्। आत्मवत् सर्वभूतेषु यः पश्यति स पंडितः।।)***www.sisirpagla.blogspot.com
सदस्यता लें
संदेश (Atom)