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शुक्रवार, 26 जुलाई 2013

सुरत मेँ कारगिल चौक

दोस्तोँ आज विजय दिवस है । सारे राष्ट्रवादी दोस्तोँ से वधाइ संदेश मिल रहा है । कारगिल दुनियाका सबसे मुसकिल युद्धक्षेत्रो मेँ से एक । यहाँ भारत को जितने केलिये कइ सैनिक खोने पडे । लेकिन वो कहते हे ना जीत आखिरकार धर्म का हि हुआ । हमारे सुरतवासीयोँ नेकारगिल युद्ध मेँ सहीद हुए जवानोँ के याद मेँ Surat dumas road पर कारगिल चौक वनाया है और हर साल इसी दिन याहाँ लोग उपस्तितहो उन वीरोँ को याद करते है ।।(i Proud to be a surti)

राष्ट्रवादी

(दो दिन राष्ट्रवादी बनजाने से कुछ न होगा ये जोश ए जुनन ता उम्र साथ रखना चाहिए ।) हमारे स्कुल मेँ खास दिनो मेँ भाषण प्रतियोगिता होते थे । और मैने इनमेँ कभी भी भाग नहीँ लिया ।। क्युँ की मेरा मानना है एक दिन आप भाषण दे कर दुसरे दिन चैन से सो जाते हो तो इन भाषणवाजी का क्या मतलव रह जाता है ?पैड वचाना है तो पहले खुद पौधे लगायेँ ।। पता नहीँ ये लोग कब सुधरेगेँ कब होगा नया सवेरा ।।