मेँ अपने मन का दास कलम का कर्मचारी हुँ जो मन मेँ आया लिखदिया । कोई पागल कहे तो मुझे क्या ? कहता है तो कहने दो ।।
ब्लॉग आर्काइव
शुक्रवार, 12 जुलाई 2013
guftagu ek bewafa se
Tum toh chod gayi jalim duniya mein, tadap tadap ke marne ko....hum kare kyun khwaish, kisibewafa ke pyar pane ko...tum netoh chad diya haath mera jiban ke safar mein....kish se kare fariyaad hum jeb aapno ne hi loota humein
yaad
Har Sapna Khushi Pane Se Pura Nahi Hota,
Koi Kisi K Bina Adhora Nahi Hota.
Jo Chand Roshan Karta Hai Rat Bhar Sab Ko,
Har Raat Woh Bhi To Poora Nahi Hota
Koi Kisi K Bina Adhora Nahi Hota.
Jo Chand Roshan Karta Hai Rat Bhar Sab Ko,
Har Raat Woh Bhi To Poora Nahi Hota
ab toh mujhe sone do
raat ke 1 baja hei ab toh mujhe sone do ! khoye he khwabo mein khwabo mein rehne do!rote rote uthna he haste haste sone do ! tanhai mein dube he khulke jara rone do ! raat ke 1 baja hei ab toh mujhe sone do ! (so jao sweet dream)
ek prerak katha
लीलाधर ने लीला रची । अर्जुन मोहग्रस्त हो गये । उन्हे बचपन केदीन याद आने लगे । भीष्म पितामह से उन्होने युध्ध करने से मना कर दिया । प्रभु ने एक भक्त के गौरव बढाने के लिये और दुसरे भक्त की मोह भंग करने के लिये फिर लीला रची । उन्होने खुद की प्रतिग्याँ तोड कर भीष्म पितामह को मारने के लिये रथ के पहिये उठा लिये । तब भिष्म पितामह ने हात जोडकर भगवान से कहने लगे "हे प्रभु मुझे आप मारदेँ । किसी और के हात मरने से अछा है आप ही मुझे इस जीवन से मुक्त करेँ । धन्य है भारतवर्ष जाहाँ ऐसे वीरोँ ने जन्म लिया । जय भारती
kahani bhakt salbeg ki
1500 A.C तक मुस्लिम पुरे भारत मेँ फैल गये थे । हिन्दु कन्या ओँ को जबरन उठा लेते और सादी करते ।ऐसे ही एक ब्राम्हण कन्या के साथहुआ । पर उसने अपने धर्म से आस्ता वनाये रखा । उसका बेटा मुस्लीम सेनापती बन गया । एक दिन वो युध्ध मेँ बुरी तरह घायल हुआ ।बिमार पुत्र को उस मा ने इतना कहा पुत्र ईस भयानक आपदा से अब तुम्हे कृष्णही बचा सकते है । उनके सरण मेँ जा । वो तुम्हे इस दुख से मुक्त करेगेँ । मा के वात को मानते हुए उसने पुरी रात कृष्ण नाम जाप किया।सुबह वो क्या देखता है उसके सारेघाऊ भर चुके है अब वो बिलकुल स्वस्थ है । तब उसके माँ ने उसे कहा की वो जगन्नाथ पुरी जा कर भगवान के दर्शन करेँ । वो जगन्नाथपुरी गया । और वाहाँ वो भगवान भक्ति मेँ ऐसा डुबा की फिर कभी लौट ना सका । वो और कोइ नहीँ भक्त सालवेग है ।वो उडिशा के रसखान है । उनके लिखीँ भजन इतने भावमय है की आप खुद को भक्ति रस मेँ डुबा पायेगेँ । उनके समाधि जगन्नाथ पुरी मेँ कभी पुरी जायेँ तो जरुर इस भक्त की दर्शन करेँ ।।।।।। ॐ जय जगन्नाथ ।।।।।।
3 ka dum
तीन चीज़ों के लिए मर मिटो - धर्म, देश और मित्र।
तीन चीज़ें इंसान की अपनी होती हैं - रूप, भाग्य और स्वभाव।
तीन चीजों पर अभिमान मत करो – ताकत, सुन्दरता, यौवन।
तीन चीज़ें अगर चली गयी तो कभी वापस नहीं आती - समय, शब्द और अवसर।
तीन बातें कभी मत भूलें - उपकार, उपदेश और उदारता।
तीन चीज़े याद रखना ज़रुरी हैं - सच्चाई, कर्तव्य और मृत्यु।
तीन बातें चरित्र को गिरा देती हैं - चोरी, निंदा और झूठ।
तीनों व्यक्ति का सम्मान करो - माता, पिता और गुरु।
तीनों चीजों को हमेशा वश में रखो -मन, काम और लोभ।
तीन चीज़ें इंसान की अपनी होती हैं - रूप, भाग्य और स्वभाव।
तीन चीजों पर अभिमान मत करो – ताकत, सुन्दरता, यौवन।
तीन चीज़ें अगर चली गयी तो कभी वापस नहीं आती - समय, शब्द और अवसर।
तीन बातें कभी मत भूलें - उपकार, उपदेश और उदारता।
तीन चीज़े याद रखना ज़रुरी हैं - सच्चाई, कर्तव्य और मृत्यु।
तीन बातें चरित्र को गिरा देती हैं - चोरी, निंदा और झूठ।
तीनों व्यक्ति का सम्मान करो - माता, पिता और गुरु।
तीनों चीजों को हमेशा वश में रखो -मन, काम और लोभ।
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