(भारत के वारे मेँ रोचक तथ्य 2)• निश्चेतक का उपयोग भारतीय प्राचीन चिकित्सा विज्ञान में भली भांति ज्ञात था। शारीरिकी, भ्रूण विज्ञान, पाचन, चयापचय, शरीरक्रिया विज्ञान, इटियोलॉजी, आनुवांशिकी और प्रतिरक्षा विज्ञान आदि विषय भी प्राचीन भारतीय ग्रंथों में पाए जाते हैं।
• भारत से 90 देशों को सॉफ्टवेयर का निर्यात किया जाता है।
• भारत में 4 धर्मों का जन्म हुआ -हिन्दु, बौद्ध, जैन और सिक्ख धर्म और जिनका पालन दुनिया की आबादी का25 प्रतिशत हिस्सा करता है।
• जैन धर्म और बौद्ध धर्म की स्थापना भारत में क्रमश: 600 बी सी और 500 बी सी में हुई थी।
• इस्लाम भारत का और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है।
• भारत में 3,00,000 मस्जिदें हैंजो किसी अन्य देश से अधिक हैं, यहां तक कि मुस्लिम देशों से भी अधिक।
• भारत में सबसे पुराना यूरोपियन चर्च और सिनागोग कोचीन शहर में है।
इनका निर्माण क्रमश: 1503 और 1568 में किया गया था।
• ज्यू और ईसाई व्यक्ति भारत में क्रमश: 200 बी सी और 52 ए डी से निवास करते हैं।
• विश्व में सबसे बड़ा धार्मिक भवन अंगकोरवाट, हिन्दु मंदिर है जो कम्बोडिया में 11वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था।
• तिरुपति शहर में बना विष्णु मंदिर 10वीं शताब्दी के दौरान बनाया गया था, यह विश्व का सबसे बड़ा धार्मिक गंतव्य है। रोम या मक्का धार्मिक स्थलों से भी बड़े इस स्थान पर प्रतिदिन औसतन 30 हजार श्रद्धालु आते हैं और लगभग 6मिलियन अमेरिकी डॉलर प्रति दिन चढ़ावा आता है।
• सिक्ख धर्म का उद्भव पंजाब के पवित्र शहर अमृतसर में हुआ था। यहां प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर की स्थापना 1577 में गई थी।
• वाराणसी, जिसे बनारस के नाम से भी जाना जाता है, एक प्राचीन शहर है जब भगवान बुद्ध ने 500 बी सी में यहां आगमन किया और यह आज विश्व का सबसे पुराना और निरंतर आगे बढ़ने वाला शहर है।
• भारत द्वारा श्रीलंका, तिब्बत, भूटान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के 3,00,000 से अधिक शरणार्थियों को सुरक्षा दी जाती है, जो धार्मिक और राजनैतिक अभियोजन के फलस्वरूप वहां से निकल गए हैं।
• माननीय दलाई लामा तिब्बती बौद्ध धर्म के निर्वासित धार्मिकनेता है, जो उत्तरी भारत के धर्मशाला में अपने निर्वासन में रह रहे हैं।
• युद्ध कलाओं का विकास सबसे पहलेभारत में किया गया और ये बौद्ध धर्म प्रचारकों द्वारा पूरे एशिया में फैलाई गई।
• योग कला का उद्भव भारत में हुआ है और यह 5,000 वर्ष से अधिक समय से मौजूद है।
• भारत में विश्व की सबसे ज्यादा सब्जी , चाय , दूध , शक्कर , गन्ना , काजू , फल , नारियल आदि का उत्पादन होता है .
• बेडमिन्टन और पोलो खेलो की उत्पत्ति भारत में हुई .
• विश्व में सबसे ज्यादा मतदाता और युवा भारत में है .
• प्राचीनकाल में भारत की सीमायें अफगानिस्तान , पाकिस्तान, श्रीलंका , बांग्लादेश , भूटान , नेपाल , और म्यांमार से आगे फैली हुई थी .
• विश्व की सबसे सुन्दर इमारत ' ताज महल ' है . जो दुनिया की एकमात्र पूर्ण चतुर्भुजीय इमारत है . यह चारो ओर से बिलकुल एक सी है.
• विश्व में सबसे ज्यादा पशु भी भारत में पाए जाते है .
मेँ अपने मन का दास कलम का कर्मचारी हुँ जो मन मेँ आया लिखदिया । कोई पागल कहे तो मुझे क्या ? कहता है तो कहने दो ।।
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सोमवार, 15 जुलाई 2013
भारत के वारे मेँ रोचक तथ्य 1
भारत के बारे में रोचक तथ्य ! (1)
• भारत ने अपनी आखिरी 100000 वर्षों के इतिहास में किसी भी देशपर हमला नहीं किया है।
• भारत का नाम ऋग्वेद के अनुसार प्राचीन जन (कबीला ) " भरत " के नाम पर भारत पड़ा . इसके राजा सुदास थे . जिन्होंने परुश्नि (वर्तमान में रावी ) नदी के तट पर दसराज्ञ युद्धमें दस जनों को पराजित किया था .
• जब कई संस्कृतियों में 5000 साल पहले घुमंतू वनवासी थे, तब भारतीयों ने सिंधु घाटी (सिंधु घाटी सभ्यता) में हड़प्पा संस्कृति की स्थापना की।
• हड़प्पा संस्कृति विश्व की पहली नगरीय संस्कृति है .
• भारत का अंग्रेजी में नाम ‘इंडिया’ इंडस नदी से बना है, जिसकेआस पास की घाटी में आरंभिक सभ्यताएं निवास करती थी। आर्य पूजकों में इस इंडस नदी को सिंधु कहा।
• ईरान से आए आक्रमणकारियों ने सिंधु को हिंदु की तरह प्रयोग किया। ‘हिंदुस्तान’ नाम सिंधु और हिंदु का संयोजन है, जो कि हिंदुओं की भूमि के संदर्भ में प्रयुक्त होता है।
• शतरंज की खोज भारत में की गई थी।
• बीज गणित, त्रिकोण मिति और कलन का अध्ययन भारत में ही आरंभ हुआ था।
• ‘स्थान मूल्य प्रणाली’ और 'दशमलवप्रणाली' का विकास भारत में 100 बी सी में हुआ था।
• विश्व का प्रथम ग्रेनाइट मंदिर तमिलनाडु के तंजौर में बृहदेश्वरमंदिर है। इस मंदिर के शिखर ग्रेनाइट के 80 टन के टुकड़ों से बने हैं। यह भव्य मंदिर राजाराज चोल के राज्य के दौरान केवल 5 वर्ष की अवधि में (1004 ए डी और 1009 ए डी के दौरान) निर्मित कियागया था।
• भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र और विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश तथा प्राचीन सभ्यताओं में से एक है।
• सांप सीढ़ी का खेल तेरहवीं शताब्दी में कवि संत ज्ञान देव द्वारा तैयार किया गया था इसे मूलरूप से मोक्षपट कहते थे। इस खेल में सीढियां वरदानों का प्रतिनिधित्व करती थीं जबकि सांपअवगुणों को दर्शाते थे। इस खेल कोकौडियों तथा पांसे के साथ खेला जाता था। आगे चल कर इस खेल में कई बदलाव किए गए, परन्तु इसका अर्थ वहीं रहा अर्थात अच्छे काम लोगों को स्वर्ग की ओर ले जाते हैं जबकि बुरे काम दोबारा जन्म के चक्र मेंडाल देते हैं।
• दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट कामैदान हिमाचल प्रदेश के चायल नामक स्थान पर है। इसे समुद्री सतह से 2444 मीटर की ऊंचाई पर भूमि को समतल बना कर 1893 में तैयार किया गया था।
• भारत में विश्व भर से सबसे अधिक संख्या में डाक खाने स्थित हैं।
• भारतीय रेल देश का सबसे बड़ा नियोक्ता है। यह दस लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
• विश्व का सबसे प्रथम विश्वविद्यालय 700 बी सी में तक्षशिला में स्थापित किया गया था। चाणक्य तक्षशिला विश्वविद्यालय में आचार्य थे . इसमें 60 से अधिक विषयों में 10,500 से अधिक छात्र दुनियाभर से आकर अध्ययन करते थे।
• नालंदा विश्वविद्यालय चौथी शताब्दी में स्थापित किया गया था जो शिक्षा के क्षेत्र में प्राचीन भारत की महानतम उपलब्धियों में से एक है।
• आयुर्वेद मानव जाति के लिए ज्ञात सबसे आरंभिक चिकित्सा शाखाहै। शाखा विज्ञान के जनक माने जाने वाले चरक में 2500 वर्ष पहले आयुर्वेद का समेकन किया था।
• भारत 17वीं शताब्दी के आरंभ तक ब्रिटिश राज्य आने से पहले सबसे सम्पन्न देश था। क्रिस्टोफर कोलम्बस भारत की सम्पन्नता से आकर्षित हो कर भारत आने का समुद्री मार्ग खोजने चला और उसने गलती से अमेरिका को खोज लिया।
• नौवहन की कला और नौवहन का जन्म 6000 वर्ष पहले सिंध नदी में हुआ था। दुनिया का सबसे पहला नौवहन संस्कृत शब्द नव गति से उत्पन्न हुआ है। शब्द नौ सेना भी संस्कृत शब्द नोउ से हुआ।
• भास्कराचार्य ने खगोल शास्त्र के कई सौ साल पहले पृथ्वी द्वारा सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने में लगने वाले सही समय की गणना की थी। उनकी गणना के अनुसार सूर्य कीपरिक्रमा में पृथ्वी को 365.258756484 दिन का समय लगता है।
• भारतीय गणितज्ञ बुधायन द्वारा 'पाई' का मूल्य ज्ञात किया गया था और उन्होंने जिस संकल्पना को समझाया उसे पाइथागोरस का प्रमेय करते हैं। उन्होंने इसकी खोज छठवीं शताब्दी में की, जो यूरोपीयगणितज्ञों से काफी पहले की गई थी।
• बीज गणित, त्रिकोण मिति और कलन का उद्भव भी भारत में हुआ था। चतुष्पद समीकरण का उपयोग 11वीं शताब्दी में श्री धराचार्य द्वारा किया गया था। ग्रीक तथा रोमनों द्वारा उपयोग की गई की सबसे बड़ी संख्या 106 थी जबकि हिन्दुओं ने 10*53 जितने बड़े अंकों का उपयोग (अर्थात 10 की घात53), के साथ विशिष्ट नाम 5000 बीसी के दौरान किया। आज भी उपयोग की जाने वाली सबसे बड़ी संख्या टेरा: 10*12 (10 की घात12) है।
• वर्ष 1896 तक भारत विश्व में हीरे का एक मात्र स्रोत था।
(स्रोत: जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका)
• बेलीपुल विश्व में सबसे ऊंचा पुल है। यह हिमाचल पर्वत में द्रास और सुरु नदियों के बीच लद्दाख घाटी में स्थित है। इसका निर्माण अगस्त 1982 में भारतीय सेना द्वारा किया गया था।
• सुश्रुत को शल्य चिकित्सा का जनक माना जाता है। लगभग 2600 वर्ष पहले सुश्रुत और उनके सहयोगियों ने मोतियाबिंद, कृत्रिम अंगों को लगना, शल्य क्रिया द्वारा प्रसव, अस्थिभंग जोड़ना, मूत्राशय की पथरी, प्लास्टिक सर्जरी और मस्तिष्क कीशल्य क्रियाएं आदि की।
• भारत ने अपनी आखिरी 100000 वर्षों के इतिहास में किसी भी देशपर हमला नहीं किया है।
• भारत का नाम ऋग्वेद के अनुसार प्राचीन जन (कबीला ) " भरत " के नाम पर भारत पड़ा . इसके राजा सुदास थे . जिन्होंने परुश्नि (वर्तमान में रावी ) नदी के तट पर दसराज्ञ युद्धमें दस जनों को पराजित किया था .
• जब कई संस्कृतियों में 5000 साल पहले घुमंतू वनवासी थे, तब भारतीयों ने सिंधु घाटी (सिंधु घाटी सभ्यता) में हड़प्पा संस्कृति की स्थापना की।
• हड़प्पा संस्कृति विश्व की पहली नगरीय संस्कृति है .
• भारत का अंग्रेजी में नाम ‘इंडिया’ इंडस नदी से बना है, जिसकेआस पास की घाटी में आरंभिक सभ्यताएं निवास करती थी। आर्य पूजकों में इस इंडस नदी को सिंधु कहा।
• ईरान से आए आक्रमणकारियों ने सिंधु को हिंदु की तरह प्रयोग किया। ‘हिंदुस्तान’ नाम सिंधु और हिंदु का संयोजन है, जो कि हिंदुओं की भूमि के संदर्भ में प्रयुक्त होता है।
• शतरंज की खोज भारत में की गई थी।
• बीज गणित, त्रिकोण मिति और कलन का अध्ययन भारत में ही आरंभ हुआ था।
• ‘स्थान मूल्य प्रणाली’ और 'दशमलवप्रणाली' का विकास भारत में 100 बी सी में हुआ था।
• विश्व का प्रथम ग्रेनाइट मंदिर तमिलनाडु के तंजौर में बृहदेश्वरमंदिर है। इस मंदिर के शिखर ग्रेनाइट के 80 टन के टुकड़ों से बने हैं। यह भव्य मंदिर राजाराज चोल के राज्य के दौरान केवल 5 वर्ष की अवधि में (1004 ए डी और 1009 ए डी के दौरान) निर्मित कियागया था।
• भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र और विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश तथा प्राचीन सभ्यताओं में से एक है।
• सांप सीढ़ी का खेल तेरहवीं शताब्दी में कवि संत ज्ञान देव द्वारा तैयार किया गया था इसे मूलरूप से मोक्षपट कहते थे। इस खेल में सीढियां वरदानों का प्रतिनिधित्व करती थीं जबकि सांपअवगुणों को दर्शाते थे। इस खेल कोकौडियों तथा पांसे के साथ खेला जाता था। आगे चल कर इस खेल में कई बदलाव किए गए, परन्तु इसका अर्थ वहीं रहा अर्थात अच्छे काम लोगों को स्वर्ग की ओर ले जाते हैं जबकि बुरे काम दोबारा जन्म के चक्र मेंडाल देते हैं।
• दुनिया का सबसे ऊंचा क्रिकेट कामैदान हिमाचल प्रदेश के चायल नामक स्थान पर है। इसे समुद्री सतह से 2444 मीटर की ऊंचाई पर भूमि को समतल बना कर 1893 में तैयार किया गया था।
• भारत में विश्व भर से सबसे अधिक संख्या में डाक खाने स्थित हैं।
• भारतीय रेल देश का सबसे बड़ा नियोक्ता है। यह दस लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
• विश्व का सबसे प्रथम विश्वविद्यालय 700 बी सी में तक्षशिला में स्थापित किया गया था। चाणक्य तक्षशिला विश्वविद्यालय में आचार्य थे . इसमें 60 से अधिक विषयों में 10,500 से अधिक छात्र दुनियाभर से आकर अध्ययन करते थे।
• नालंदा विश्वविद्यालय चौथी शताब्दी में स्थापित किया गया था जो शिक्षा के क्षेत्र में प्राचीन भारत की महानतम उपलब्धियों में से एक है।
• आयुर्वेद मानव जाति के लिए ज्ञात सबसे आरंभिक चिकित्सा शाखाहै। शाखा विज्ञान के जनक माने जाने वाले चरक में 2500 वर्ष पहले आयुर्वेद का समेकन किया था।
• भारत 17वीं शताब्दी के आरंभ तक ब्रिटिश राज्य आने से पहले सबसे सम्पन्न देश था। क्रिस्टोफर कोलम्बस भारत की सम्पन्नता से आकर्षित हो कर भारत आने का समुद्री मार्ग खोजने चला और उसने गलती से अमेरिका को खोज लिया।
• नौवहन की कला और नौवहन का जन्म 6000 वर्ष पहले सिंध नदी में हुआ था। दुनिया का सबसे पहला नौवहन संस्कृत शब्द नव गति से उत्पन्न हुआ है। शब्द नौ सेना भी संस्कृत शब्द नोउ से हुआ।
• भास्कराचार्य ने खगोल शास्त्र के कई सौ साल पहले पृथ्वी द्वारा सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने में लगने वाले सही समय की गणना की थी। उनकी गणना के अनुसार सूर्य कीपरिक्रमा में पृथ्वी को 365.258756484 दिन का समय लगता है।
• भारतीय गणितज्ञ बुधायन द्वारा 'पाई' का मूल्य ज्ञात किया गया था और उन्होंने जिस संकल्पना को समझाया उसे पाइथागोरस का प्रमेय करते हैं। उन्होंने इसकी खोज छठवीं शताब्दी में की, जो यूरोपीयगणितज्ञों से काफी पहले की गई थी।
• बीज गणित, त्रिकोण मिति और कलन का उद्भव भी भारत में हुआ था। चतुष्पद समीकरण का उपयोग 11वीं शताब्दी में श्री धराचार्य द्वारा किया गया था। ग्रीक तथा रोमनों द्वारा उपयोग की गई की सबसे बड़ी संख्या 106 थी जबकि हिन्दुओं ने 10*53 जितने बड़े अंकों का उपयोग (अर्थात 10 की घात53), के साथ विशिष्ट नाम 5000 बीसी के दौरान किया। आज भी उपयोग की जाने वाली सबसे बड़ी संख्या टेरा: 10*12 (10 की घात12) है।
• वर्ष 1896 तक भारत विश्व में हीरे का एक मात्र स्रोत था।
(स्रोत: जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट ऑफ अमेरिका)
• बेलीपुल विश्व में सबसे ऊंचा पुल है। यह हिमाचल पर्वत में द्रास और सुरु नदियों के बीच लद्दाख घाटी में स्थित है। इसका निर्माण अगस्त 1982 में भारतीय सेना द्वारा किया गया था।
• सुश्रुत को शल्य चिकित्सा का जनक माना जाता है। लगभग 2600 वर्ष पहले सुश्रुत और उनके सहयोगियों ने मोतियाबिंद, कृत्रिम अंगों को लगना, शल्य क्रिया द्वारा प्रसव, अस्थिभंग जोड़ना, मूत्राशय की पथरी, प्लास्टिक सर्जरी और मस्तिष्क कीशल्य क्रियाएं आदि की।
दो
दुनिया में रहते हुए दोचीजों को कभी नहीं भुलाना चाहिए . एक तो परमात्मा और दूसरी अपनी मौत । दुनिया में रहते हुए दोबातों को भुला जा सकता है ,एक किसी का भला कियातो तुरंत भूल जाओ दूसरीयदि किसी ने तुम्हारे साथ कुछ बुरा कर दिया तो उसे याद मत रखो ।
संन्यासी और युवती
संन्यासी और युवती
एक पहुंचे हुएमहात्मा थे। बड़ी संख्या में लोग उन्हें सुनने आते थे। एक दिन महात्मा जी ने सोचा कि उनके बाद भी धर्मसभा चलती रहे इसलिए क्यों न अपने एक शिष्य को इस विद्या में पारंगत किया जाए। उन्होंने एक शिष्य को इसके लिए प्रशिक्षित किया। अब शिष्य प्रवचन करने लगा। समय बीतता गया। सभा में एक सुंदर युवती आने लगी। वह उपदेश सुनने के साथ प्रार्थना, कीर्तन, नृत्य आदि समारोह में भी सहयोग देती। लोगों को उस युवती का युवक संन्यासी के प्रति लगाव खटकने लगा। एक दिन कुछ लोग महात्मा जी के पास आकर बोले, 'प्रभु, आपका शिष्य भ्रष्ट हो गया है।' महात्मा जी बोले, 'चलो हम स्वयं देखते हैं'। महात्मा जी आए, सभा आरंभ हुई। युवा संन्यासी ने उपदेश शुरू किया। युवती भी आई। उसने भी रोज की तरह सहयोग दिया। सभा के बाद महात्मा जी ने लोगों से पूछा, 'क्या युवक संन्यासी प्रतिदिन यही सब करता है। और कुछ तो नहीं करता?' लोगों ने कहा, 'बस यही सब करता है।' महात्मा जी ने फिर पूछा, 'क्या उसने तुम्हें गलतरास्ते पर चलने का उपदेश दिया? कुछ अधार्मिक करने को कहा?' सभी ने कहा, 'नहीं।' महात्मा जी बोले, 'तो फिर शिकायत क्या है?' कुछ धीमे स्वर उभरे कि 'इस युवती का इस संन्यासी के साथ मिलना-जुलना अनैतिक है'। महात्मा जी ने कहा, 'मुझे दुख है कि तुम्हारे ऊपर उपदेशों का कोई असर नहीं पड़ा। तुमने ये जानने की कोशिश नहीं की वो युवती है कौन। वह इस युवक की बहन है। चूंकि तुम सबकी नीयत ही गलत है इसलिए तुमने उन्हें गलत माना। सभी लज्जित हो गए।
एक पहुंचे हुएमहात्मा थे। बड़ी संख्या में लोग उन्हें सुनने आते थे। एक दिन महात्मा जी ने सोचा कि उनके बाद भी धर्मसभा चलती रहे इसलिए क्यों न अपने एक शिष्य को इस विद्या में पारंगत किया जाए। उन्होंने एक शिष्य को इसके लिए प्रशिक्षित किया। अब शिष्य प्रवचन करने लगा। समय बीतता गया। सभा में एक सुंदर युवती आने लगी। वह उपदेश सुनने के साथ प्रार्थना, कीर्तन, नृत्य आदि समारोह में भी सहयोग देती। लोगों को उस युवती का युवक संन्यासी के प्रति लगाव खटकने लगा। एक दिन कुछ लोग महात्मा जी के पास आकर बोले, 'प्रभु, आपका शिष्य भ्रष्ट हो गया है।' महात्मा जी बोले, 'चलो हम स्वयं देखते हैं'। महात्मा जी आए, सभा आरंभ हुई। युवा संन्यासी ने उपदेश शुरू किया। युवती भी आई। उसने भी रोज की तरह सहयोग दिया। सभा के बाद महात्मा जी ने लोगों से पूछा, 'क्या युवक संन्यासी प्रतिदिन यही सब करता है। और कुछ तो नहीं करता?' लोगों ने कहा, 'बस यही सब करता है।' महात्मा जी ने फिर पूछा, 'क्या उसने तुम्हें गलतरास्ते पर चलने का उपदेश दिया? कुछ अधार्मिक करने को कहा?' सभी ने कहा, 'नहीं।' महात्मा जी बोले, 'तो फिर शिकायत क्या है?' कुछ धीमे स्वर उभरे कि 'इस युवती का इस संन्यासी के साथ मिलना-जुलना अनैतिक है'। महात्मा जी ने कहा, 'मुझे दुख है कि तुम्हारे ऊपर उपदेशों का कोई असर नहीं पड़ा। तुमने ये जानने की कोशिश नहीं की वो युवती है कौन। वह इस युवक की बहन है। चूंकि तुम सबकी नीयत ही गलत है इसलिए तुमने उन्हें गलत माना। सभी लज्जित हो गए।
चाणक्य उपदेश
एक विद्वान भी दुखी हो जाता है अगर वह किसी मुर्ख को उपदेश देताहै, यदि वह एक दुष्ट पत्नी का पालन करता है या किसी दुखी व्यक्ति के साथ अतयंत घनिष्ठ सम्बन्ध बना लेता है (चाणक्य)
आनन्द
मनुष्य का जन्म धरती पर इसलिए होता है कि वह अपने आत्मस्वरूप को पहचान ले और अपने आत्मिक आनंदका अनुभव कर ले। इसी आनंद की अनुभूति के लिए वह बाहर भागता फिरता है। और उसे प्राप्त करने के लिए जिन-जिन सहारों को वह हीरा समझकर पकड़ता है, हाथ में आते ही वे पत्थर सिद्ध हो जाते हैं। संयोगवशात् ही उसको कोई ऐसास्थान मिलता है जो उसके व्यथित, थके हुए हृदय को शांति और शीतलता का अनुभव करा पाये और वह स्थान है'महापुरुषों का सत्संग'।
सत्संग तार देता है, कुसंग डुबो देता है। इसलिए आप भी यदि सत्संग में जाओगे, अच्छा संग करोगे और सदग्रन्थों का अध्ययन करोगे तो आपका चरित्र उज्जवल होगा और जीवनऊँचा बनेगा।
श्री हनुमान प्रसाद पोद्दारजी
सत्संग तार देता है, कुसंग डुबो देता है। इसलिए आप भी यदि सत्संग में जाओगे, अच्छा संग करोगे और सदग्रन्थों का अध्ययन करोगे तो आपका चरित्र उज्जवल होगा और जीवनऊँचा बनेगा।
श्री हनुमान प्रसाद पोद्दारजी
सात वातेँ
सात बातें बड़ी हानिकारक हैं-
अधिक बोलना, व्यर्थ का भटकना, अधिक शयन, अधिक भोजन, श्रृंगार, हीन भावना और अहंकार।
जीवन में निम्नलिखित आठ गुण हों तो वह बड़ा यशस्वी हो जाता हैःशांत स्वभाव, उत्साह, सत्यनिष्ठा, धैर्य, सहनशक्ति, नम्रता, समता,साहस।
अधिक बोलना, व्यर्थ का भटकना, अधिक शयन, अधिक भोजन, श्रृंगार, हीन भावना और अहंकार।
जीवन में निम्नलिखित आठ गुण हों तो वह बड़ा यशस्वी हो जाता हैःशांत स्वभाव, उत्साह, सत्यनिष्ठा, धैर्य, सहनशक्ति, नम्रता, समता,साहस।
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