ब्लॉग आर्काइव

रविवार, 4 जून 2017

क्या मांस मछली खाना गलत है ??????

अकसर देखागया है जब #विधर्मी लोग किसी #सनातनी से #कुतर्क करके भी हार जाते

तब
वह एक ही बात दोहराने लगते है ।

"क्या #हिन्दु हिन्दु कर रहे हो ? अरे
जाओ देखो तुम्हारे यहाँ के
#ब्राह्मण भी
#चिकेन #मटन #अंडा खाते है कि नहीँ ?"

सनातन धर्म ने कभी कहीँ किसी ग्रंथ मे #फतवा जारी नहीँ कि है कि
आप मांस मछली चिकन खा ही नहीँ सकते

अपितु शास्त्र तो मुक्त कण्ठ से कहता है

"न मांसभक्षणे दोषाः न मदै न च मैथुने !
प्रवृत्तरेषा भुतानां निवृत्तस्तु महाफळाः !!"

अर्थात् न ही मांस मछली खाने से #दोषी होगेँ
न #मद्यपान अथवा #कामनाओँ से
परंतु #जीवोँ के लिए  इस #संसार सागर मे #प्रवृत्त यानी डुब जाने से अच्छा है #निबृत रहना यानी किचड़ मे होकै भी पद्म समान उससे विरक्त रहना !

#चीन जैसे देशोँ के लोग नाममात्र #बौद्धिस्ट है
ये लोग तो घर के #ककरोच #चिपकली तक को गटक् जाते है ।

वहीँ #भारत मे मटन चिकेन खानेवाले भी मानते है
न खाएं तो बहतर होगा ।

सनातन हिन्दु धर्म अपने अनुयायीओँ की #पराधीनता  पर यकिन नहीँ रखता

इसीलिए केवल एक हिन्दु हीँ मानव #जीवनमूल्योँ का सही खयाल रख सकता है ।