ब्लॉग आर्काइव

सोमवार, 26 अगस्त 2013

एक अनजान भक्त और उसकी दील की वातेँ

...'1..... हे भगवान मुझे माफ करदेना मेँ आजकल मंदिर जाकर घंटी नहीँ बजा रहा हुँ । क्युँ ? अरे आपने मेरे जीवन मेँ इतने जोर जोर से घंटी बजाना शुरु करदिया है की मुझे यमला पगला दिवाना 2 की सन्नी पाजी याद आ गये ।मै हीँ क्युँ अगर आपको किसीकी घंटी बजाना ही है तो पाक,चीन या आमरीकी डॅलर की बजाते मुझ साधारण नैकदिल मानस ने आपका क्या बिगाडा था ? और तो और आजकल तो आपका भेजा हुआ हर एक वंदा मुझे बजाने के वास्ते अचानक आ धमकते है !2........ हे भगवान मुझे माफ कर दिजियेगा आजकल आपका नाम किर्तन करने के लिये वक्त ही नहीँ मिलता !! क्युँ ? जनाव आपने महगाँई इतने बढ़ा दिआ है की मुझे अफिस मेँ overtime करना पड़ता है और खुदा ना खास्ता वक्त वच जाय तो Fb twitter g+ orkut मेँ बीत जाते है ।3........ है परमेश्वर मुझ नासमझ को क्षमा कर देना जो मेँ आजकल आपको भुलकर एक लड़की के पिछे हात धोकर पड़ा हुँ ? क्युँ ? इसमेँ गलती आपकी ही है ये लड़कीयोँ को इतने सुँदर और प्यारी बनया है की क्या कहेँ हमेँ तो उसमेँ खुदा नजर आता है । अब तो हम उसके ही नाम जपते नजर आते है हर गली चौवारे मेँ और यह सब आपके वजह से हो रहा है !4....... है प्राणेश्वर परमात्मा मुझ गरीब को अपने श्राप से रक्षा करेँ मेँ क्या करुँ मेँ तो यहाँ आपको ढ़ुंडने आया था और इन रंगरैलियोँ मेँ फसगया । अनकही वंधनोँ के लताओँ से लपेटकर फसगया !(आपके वजह से गुनहगार बना और दंड मुझे भुगतना है....... )