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बुधवार, 26 फ़रवरी 2014

पाकिस्तान और सच्चाई

जब पाकिस्तान वना अल्पसंख्यक कोँ कहा गया था उन्हे इस नये देश मेँ समान अधिकार और दर्जा मिलेगा । जनरल जिया उल हक के जमानेँ से कट्टरवादी ओँ कि समाज पर पकड़ बनती गयी । कट्टरवादी चाहते थे पाकिस्तान मेँ दुसरा कोई संप्रदाय ना रहे और वो इस मेँ लगभग सफल रहे । एक तरफ पाकिस्तान मेँ मारकाट और वलात्कार हो रहा था तो दुसरी तरफ पेशावर मेँ अल सेन्टस चर्च पर खड़ा होकर जिन्ना यह कह रहे थे कि पाकिस्तान ऐसा नहीँ करसकता । उन दिनोँ पाकिस्तान मेँ कट्टरवादीओँ के द्वारा यह समाचार फैलाया गया था कि पाकिस्तानी अल्पसंख्यकोँ पर तबतक हमला होगा जबतक अमेरिका हमला करना बंद न करेगा । ये लोग यह भी कह रहे थे कि हुकुमत ए पाकिस्तान के साथ तबतक सिज फायर न होगा जबतक पाकिस्तान मेँ कानुन व्यवस्ता मेँ अंत न लाया जाय और पाकिस्तान पर इस्लामी हुकुमत लागु न कि जाय । पाकिस्तान मेँ अल्पसंख्यकोँ के साथ जो कुछ हुआ वो सिर्फ संयोग न था इसे जान बुझकर और पुरे प्लानिँग के साथ किया गया था । ये वात सच हे कि साधारण पाकिस्तानी ऐसा नहीँ परंतु ये वात तो मानना हि पड़ेगा पाकिस्तानीओँ के द्वारा किया गया इन हत्या लुंठन और वलात्कार के कारण उन्हे आज दुनिया मेँ अपमान और जिल्लतभरी जिँदेगी जीना पडता हे । ये विषय पर वात करते समय पाकिस्तान सुप्रिमकोर्ट के भूतपूर्व अध्यक्ष आसमा जहांगीर नेँ कहा था "हमलोग अल्पसंख्यक कोँ हमारे दिल और उनके अधिकार से अलग कर दिआ हे । और अब हमेँ इसके लिये प्रयास करना होगा कि कैसे हम धर्म संप्रदाय नहीँ एक पाकिस्तानी के रुप मेँ एक हो पायेँ" ....( पाकिस्तानी रिपोर्टर जाहिदा हिना द्वारा लिखागया अंग्रेजी लेख का हिँदी भावानुवाद )