ब्लॉग आर्काइव

रविवार, 2 जुलाई 2017

भारत में इमली

भारत में मिठे से ज्यादा खट्टे फल दिखजाते....
आम को लोग चाहें कितना ही मिठा कह लें है तो वो एक खट्टा फल ही ...
mangifera यानी आम जाति के सभी फलों का जन्म च्युंकि भारत में हुआ
इसलिए इसे राष्ट्रीय फल का दर्जा प्राप्त है
लेकिन अकेला आम ही ऐसा खट्टा फलोंवाला वृक्ष नहीं है जो भारतीय भूभागों का मूलनिवासी रहा हो ।
Tamarindus indica यानी कि इमली भी एक मूल भारतीय वृक्ष है । युरोपिय लोग इसके अरवी नाम #तमार से इसे जानते थे जिसका मतलब होता है इंडियन डेट् ।
संस्कृत में इसके कई नाम मिलजाते है
जैसे #अम्लिका,#चूत्रिका,#चिंचिका,#चिंच,#दन्तशठा तथा #तिन्तिडि.....

संस्कृत के #तिंतिडी शब्दसे odia में #तिन्तिलि व #तिन्तुली शब्द का जन्म हुआ है
वही शब्द बाद में ओर बदलकर #तेन्तुली बनगया....
तेन्तुली से मिलता जुलता शब्द आसामीया भाषामें प्रचलित हे #चेंतुली
लेकिन ओडिआमें इसके अलावा भी इमलीका एक ओर नाम है
#कइँआ #कँया
कहते है इस शब्द का जन्म एक द्रविड़ शब्द
#पुलिकाइ से हुआ है ।
यहां पुलि शब्द लुप्त हो केवल कइ/काइ बचगया ओर बादमें वही कइ/काइ शब्द अपभ्रंश के वजह से बदलकर कइँआ या कँया हुआ ।
इस बात का सबसे बडा सबुत
आज भी तामिलनाडु में लोग इमली को #पुलि
कहते है ।
पुराने हिंदीमें चिंच तथा अम्ली शब्द पहले इमली के लिए प्रचलन में था
बादमें अम्ली शब्द अपभ्रंश होकै इमली शब्द बनगया है ।
चिंच को मराठी लोग बहुतायत में व्यवहार करते है
चिंच से मिलता-जुलता एक शब्द तेलुगु में इमली के लिए है #चिंट
वैसे तेलुगु लोग इमलीको चिंतापांडु भी कहते है 😎

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें