मेँ अपने मन का दास कलम का कर्मचारी हुँ जो मन मेँ आया लिखदिया । कोई पागल कहे तो मुझे क्या ? कहता है तो कहने दो ।।
ब्लॉग आर्काइव
सोमवार, 15 जुलाई 2013
दो
दुनिया में रहते हुए दोचीजों को कभी नहीं भुलाना चाहिए . एक तो परमात्मा और दूसरी अपनी मौत । दुनिया में रहते हुए दोबातों को भुला जा सकता है ,एक किसी का भला कियातो तुरंत भूल जाओ दूसरीयदि किसी ने तुम्हारे साथ कुछ बुरा कर दिया तो उसे याद मत रखो ।
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