मेँ अपने मन का दास कलम का कर्मचारी हुँ जो मन मेँ आया लिखदिया । कोई पागल कहे तो मुझे क्या ? कहता है तो कहने दो ।।
ब्लॉग आर्काइव
शनिवार, 10 अगस्त 2013
भारतीय धर्मग्रन्थ और विज्ञान
भारतीय धर्मग्रन्थो मेँ ऐसे वैज्ञानिक रहस्य छुपा है जो कि आज भी प्रासंगिक है । परंतु अधिकांश लोग क्युँ की शास्त्र और पुराणो का तात्विक अर्थ निकालने मेँ असमर्थ हे इनके गहरायी योँ को समझ नहीँ पाते और अपने अल्प ज्ञान से धर्म कि व्याख्या करने लगते हे । बड़े दुःख कि वात है भारत हिन्दुवहुल राष्ट्र होते हुए भी हिन्दु धर्म को उतना मान नहीँ मिलता जबकि सनातन हिन्दु धर्म के समस्कंद दुनिया मेँ कोइ धर्म हि नहीँ है ।
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