मेँ अपने मन का दास कलम का कर्मचारी हुँ जो मन मेँ आया लिखदिया । कोई पागल कहे तो मुझे क्या ? कहता है तो कहने दो ।।
ब्लॉग आर्काइव
रविवार, 1 सितंबर 2013
महगाँई कि मार....
आम आदमी को एक और झटका लगा है। पेट्रोल और डीजल के दाम एक बार फिर बढ़ गए हैं। पेट्रोल 2.35 रुपये प्रति लीटर और डीजल 50 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया । हे प्रभु..... ! और कितनेवार पेट्रोल का भाव बढ़ेगा ? पहले से इतना बज चुका हे और कितना बजाओगे ? हे मेरे पुतले प्रधान मंत्री जी अब हम बर्दाश्त नहीँ कर सकते । अब तो रोटी भी नसीब नहीं । जब आपके बस में परिस्थिति सुधारनी नही रह गई है त्तो कृपया कुर्सी से खुद उतर जाइये । ए अरथी नहीं है की चार लोगों का इंतजार करें की वो आये और उतारें । शुक्र है भारत की जनता बहुत धैर्यवान है ! सरकार ऐसी तैसी कर रही है पर हम भारतीय अभी भी बर्दास्त कर रहे हैं । कोई और देश होता तो पब्लिक सड़कों पर आ जाती और नेताओं को उनके घरों और दफ्तरों से खींच कर चौराहों पर खम्बों पर लटका देती और पत्थरों और जूतों से मार कर अधमरा कर देती जब तक की ए सारे बेईमान देश की जनता को कला धन बना कर विदेशी बैंको से वापस ना ले आते ! आज यह सब मंहगाई किसी नीति के कारण कम और नेताओं अफ़सरों, माफिया और पूँजी पतियों द्वारा मिलकर जनता की मेहनत की कमायी की लूट के कारण हुई है । जनता का खून चूसने पर आमादा सरकार को अब उखाड़ फेंकने का वक़्त आ गया है । नीड से जागो देश की भोली जनता नीड से जागो ! पानी सर से ऊपर से निकल रहा है और तुम जातीपाँति, भाषा, इलाके आदि के भेदभावों की नीड मे नेताओंद्वारा सुलाए गये हो ' अब उठो, उठ भी जाओ ।
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