कुछ दिन पहले फलोँ के राजा "आम"(Mango) के लिये संस्कृत शब्द प्रयोग पर किसी के लेख कर भारी वहस छीडगया था । संस्कृत मेँ आम के लिये एक शब्द है चुतक और इसका एक रुप है # चुत!
वैसे संस्कृत मेँ आम के लिये कई शब्द प्रयोग किया गया है जैसे
स्त्रीप्रिय,अम्लफल,चामरपुष्प,राजफल,वसन्तद्रु,आम्रफल,मधूली,सुमदन,प्रियाम्ब,मधुद्रुम,फलोत्पति,पिकराग,पलालदोहद,वृद्धवाहन,वसन्तदूत,चुतक,लक्ष्मीश,माकन्द,कामेष्ट,कीरेष्ट,कोकिलावास,गन्धबन्धु"
आदि कई नाम पायेजाते है । तो केवल एक शब्द के लिये इतना भेजामारी करने से क्या फायदा जबकी इस फल का कई नाम प्रयुक्त हो चुके है ?
हिन्दी साहित्य मेँ इसके अनेक नाम पायाजाता हे, जैसे सौरभ, रसाल, चुवत, टपका, सहकार, आम, पिकवल्लभ आदि ।
गुजराती मेँ केरी (કેરી) ,ओड़िआ मेँ आम्ब+अ (ଆମ୍ବ) , मलायलम मेँ माव् (മാവ്) ,तेलुगु मेँ
भारतीय मामिडि(మామిడి) , इटली मेँ आम को Pelem , और इंडोनेशिया मेँ MANGA कहाजाता है ।
अंग्रेजी मेँ Mango शब्द पर्तुगिज शब्द माङ्ग सेँ गया है और यह माङ्ग शब्द मूलतः मलायलम शब्द "माव्" का परिबर्तित रुप है । पुर्तुगालीऔनेँ आम को ले जा कर युरोप को इस फल के बारे मेँ परिचय दिलाया था ।
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