मेँ अपने मन का दास कलम का कर्मचारी हुँ जो मन मेँ आया लिखदिया । कोई पागल कहे तो मुझे क्या ? कहता है तो कहने दो ।।
ब्लॉग आर्काइव
शुक्रवार, 30 अगस्त 2013
मुझे चोर क्युँ कहा ?
हमारे अनर्थ प्रधानमंत्री नेँ आज क्या चमत्कारी भाषण दिया ? उन्होनेँ विपक्ष के उपर यह आरोप लगा दिया कि मुझे चोर क्युँ कहा ?आहा !!! मेँ उनके दुःख को समझता हुँ । मेँ अगर उनके पास होता सचमुच गले लगा लेता । मुझे तो गुस्सा आता है उनलोगोँ पे जिन्होनेँ हमारे ईश्वर समान प्रधानमंत्री जी को चोर कहा.., । अरे श्रीकृष भगवान नेँ भी माखन चोरी किया था तो क्या आप उन्हेँ भी गलत कहेगेँ.... ? पार्टीवाले पैसा खा गये और हतकड़ी इनको क्युँ लगे ? भला यह कोई वात हुई ? मेरा तो कहना हे उन लोगोँ को फासी दे दो जिन्होनेँ ऐसे झुठे आरोप लगाया हे । प्यादो नेँ भ्रष्टाचार किया तो क्या आप हमारे मूर्तिमान मृतप्राय प्रधानमंत्री जी को दोष देँगे । वो तो विचारे संसार त्यागने को तैयार है परंतु ये पप्पु आज भी मम्मी की पल्लु पकडकर चलता हे कोई तो चाहिये नाँ इनके वाद मंदिर संभालने के लिये । आपलोगोँ को कोई अधिकार नहीँ कि आप हमारे देवता समान प्रधानमंत्री पर ऐसे भद्दे आरोप लगाये । भले देश गिरबी क्युँ न रहजाये ।
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