मेँ अपने मन का दास कलम का कर्मचारी हुँ जो मन मेँ आया लिखदिया । कोई पागल कहे तो मुझे क्या ? कहता है तो कहने दो ।।
ब्लॉग आर्काइव
गुरुवार, 29 अगस्त 2013
मुझे प्यार है मातृभुमि से
:-) लड़कियाँ भले ही अपने आपको कितने ही महान समझलेँ उनके अंदर हमेशा से एक बालपन एक चंचलता(आप इसे मूर्खता कहसकते हे ) रहता हे और यही उनकि USB है ।इन गुणो के वजह से वो कभीकभार ही लाभान्वित होतेँ मगर ज्यादातर अत्याचारित होती रहती हे । यह भी सत्य है दुनिया मेँ सबसे लोभी ओर अंधविश्वासी है औरत । मेरे यह वाक्य कितने प्रामाणिक हे यह आप अपने चारो तरफ हो रहे नारी कलह से जान सकते है । मेँ मानता हुँ नारी महान हे देवी हे उनकी पुजा करनी चाहिये परंतु यही नारी अगर किसीको बरवाद करने को ठान लेँ तो उसकी खैर नहीँ... । कभी कभी नारी खुदकुछ नहीँ करती परंतु उसको आधार बनाकर कई आफत गले मेँ अटक जाते है । जैसे साक्षात शनिदेव आपके पिछे हो....!! मेँ अपने जीवन कि वातकरुँ तो मेरे जीवन को फिलाल दो लड़कीयोँ नेँ नर्क बनाकर रखदिया है । एक के लिये मेँ कभी कभी शायर बनजाता हुँ तो दुसरी नेँ मुझे फिलोसॅफर बना दिया है । मेँ बच्चा था ठिक था तब भी मुझे सब प्यार करते थे परंतु वो प्यार अलग था अलौकिक था जिसकी उपमा देना मुझ गरीब के लिये असम्भब लगता हे । यही कारण हे आजकल मेँ इस अधुनिक प्यार से त्रस्त होकर राजनीति मेँ रुचि लेने लगा हुँ । पर दुविधा देखिये यहाँ भी प्यार करना है एक पार्टि से नहीँ तो आपको इस संसार मेँ लोग रहने नहीँ देंगे । पार्टि के लोग अगर गलत हो घुस खानेँ मेँ माहिर हो भ्रष्ट हो फिर भी आप उन सज्जन को उँगली नहीँ उठासकते और आपने अगर इसतरह कि गुस्ताखी की तो आपको आपनी उँगली खोनीँ पड़ेगी । तो टोटल देश को प्यार करने के अलावा आपके पास और किसी से प्यार नहीँ करनी चाहिये । मा वहन और रिस्तेदार दोस्त प्यार करेँ ना करेँ पर देश से जरुर प्यार करेँ क्युँ की विपदा आने पर ये लोग साथ छोड सकते है परंतु मातृभुमि मरनेतक साथ निभायेगी ।।
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