मेँ अपने मन का दास कलम का कर्मचारी हुँ जो मन मेँ आया लिखदिया । कोई पागल कहे तो मुझे क्या ? कहता है तो कहने दो ।।
ब्लॉग आर्काइव
शुक्रवार, 26 जुलाई 2013
सुरत मेँ कारगिल चौक
दोस्तोँ आज विजय दिवस है । सारे राष्ट्रवादी दोस्तोँ से वधाइ संदेश मिल रहा है । कारगिल दुनियाका सबसे मुसकिल युद्धक्षेत्रो मेँ से एक । यहाँ भारत को जितने केलिये कइ सैनिक खोने पडे । लेकिन वो कहते हे ना जीत आखिरकार धर्म का हि हुआ । हमारे सुरतवासीयोँ नेकारगिल युद्ध मेँ सहीद हुए जवानोँ के याद मेँ Surat dumas road पर कारगिल चौक वनाया है और हर साल इसी दिन याहाँ लोग उपस्तितहो उन वीरोँ को याद करते है ।।(i Proud to be a surti)
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