दादामुनि के नाम से जानेजानेवाले अशोककुमार जी का पहला फिल्म था "जीवन नैया" ! फिल्म तो रिलिज हो गयी पर इस से उनके जीवन मेँ बहुत बड़ा भुचाल आ गया । उन दिनोँ उनका रिस्ता भागलपुर मेँ बहुत बड़े घराने मेँ होने जा रहा था । लेकिन इस फिल्म को देखने के बाद लड़कीवालोँ ने यह कहकर रिस्ता ठुकरा दिया कि "हम नौटकीँ मेँ काम करनेवाले भाण्डो से अपनी बेटी का रिस्ता नहीँ होने देगेँ ।
इधर अशोककुमार जी के पिता भी वौखलाये हुए थे उन्हे समझाबुझाकर फिल्म दिखाया गया तो वो और भड़कगये । उन्होने पुछा ये क्या तुम पराई औरत (देविकारानी) के साथ नाच गा रहे हो ?
दादामुनी नेँ कहा कि ये सब नाटक है और यह औरत पहले से शादीशुदा है(बिमल रोय से) ।
उनके पिता काफि नाराज हुए और दादामुनि अशोक कुमार चुप रहे ।
उनका अगला फिल्म था अछुत कन्या ! इसमेँ कुछ रोमान्टिक सिन्स सुट होनेवाला था पर अशोक कुमार नेँ इसे सुट करने से मनाकरदिया बाद मेँ उन्हे समझाबुझाकर फिल्म सुट किया गया । अछुत कन्या से अशोक कुमार मशहुर हुए और बाद मेँ उनका रिस्ता एक बहुत घराने मेँ तय किया गया ।
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