अमरिका और रसिआ के बीच चलनेवाला कोल्ड वार के कारण कई वैज्ञानिक खोज हुए । उनमे प्रमुख था इँटरनेट (पुरानाम इँटर नेटवर्क) उनदिनोँ दोनोँ देशोँ को एक दुसरे से भय व अविश्वास था । इसलिये हर प्रकार कि सुरक्षा ज्यादा से ज्यादा मजबुत करने कि प्रकिया चलता था । उस जमाने मेँ कंप्युटर की आगमन हो गया था और आमेरीकि सरकार कि संरक्षण विभाग सहित अन्य विभागोँ मेँ कंप्युटर से काम शुरु हुआ था ।
वाशिँगटन मेँ स्थित अमेरिकन संरक्षण संस्थान मेँ बैठे अमरिकन धुरंधरोँ को डर लगा कहिँ रसिया कि कोई शस्त्र पेँटागन तक पहचँजाय और महत्वपूर्ण कंप्युटरोँ का नाश हो जाय तो ? अगर ऐसा होता है तो तमाम खुफिया जानकारी,शस्रोँ ने कमान्ड देनेवाली सुविधा ,परमाणु शस्त्रोँ कि चावी आदि नष्ट होनेपर अमरिका को इससे बहुत बड़ा खामी उठानी पडेगी ।
अमेरिकन सरकार नेँ इसपर सोचविचार करते हुए कम्प्युटर नेटवर्किगं के जानेमाने इंजिनियर पोल वेरन को बुलाकर उन्हे पेन्टागन का काम सोँपा । उनके मदद के लिये वेल्श कम्प्युटर सायन्स के डोनाल्ड वेल्श और लिँकन लेवोरेटरी के विज्ञानी लोरेन्स रोवर्ट भी सामिल हुए । इन तिनोँ के नेतृत्व मेँ बने इस टुकडी का कुल 14 सदस्य थे और उन्हे ऐसे नेटवर्क कि खोज का काम सोँपा गया था जो खुफिया और सुरक्षित हो । पेन्टागन नी दुसरी खुफिया प्रोजेक्ट कि तरह यह भी एक गुप्त प्रोजेक्ट था ।
इस 14 सदस्योँ वाली गुप्त समिति का नाम "आर्पा"(Advance research project) रखागया था । इसी क्रम मेँ इन्हे पताचला कि ऐसे नेटवर्क कि खोज वोल्ट,वार्नेक और न्युमेन(B.B.N.) नामके विज्ञानीओँ ने पहले से हि कर लिया है । आर्पा के सदस्योँ ने इनके मदद से ऐसे नेटवर्किगं बनाने का काम शुरु करदिया । बाद मेँ बस एक हि काम बाकी रहगया कम्युटर्स को आपस मेँ जोडना । ये काम टेलिफोन वायर के जरिए किया गया । लिनियार्ड क्लिनोर्के की लेवोरेटरी मेँ एक दुसरे से 15 फीट दुर रखेगये दो कम्प्युटर इतिहास के साक्षी बनने के लिये तैयार थे । इसमेँ विज्ञानीओँ को सफलता मिला और इसे देखने के लिये वहाँ 20 लोक मौजुद थे । ये शुरुवात था , अब वारी थी दुर रखेगये कम्प्युटरोँ को आपस मेँ जोडने कि,
इसी क्रम मेँ केलिफोर्निया और स्टेनफोर्ड युनिवर्सीटी मेँ रखेगये कम्प्युटरोँ के बीच संपर्क स्थापना करने मेँ बड़ा सफलता हता लगा । बाद मेँ अमरिकी सरकार नेँ इस खोज कि जानकारी दि गयी और इसे आर्पा और नेटवर्क को मिलाकर आर्पानेट नाम दिया गया । बाद मेँ यही आर्पानेट दुनिया मेँ इटंरनेट के नाम से जानागया (Inter+Network)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें