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शनिवार, 20 जुलाई 2013

Fb status 258

आज जीवन मेँ कोइ नहीँ जिसे कह सकुँ मेँ अपना ।रुबरु तो होते है ऐसे मेँ कइ लोग याहाँ ।अब आँखो मेँ कोइ सपना नहीँ ना है उम्मीद कि एक किरण । अब जीने को ना इछा है ना जी सकुगाँ मेँ यहाँ ।युँ तो मिलते है कइ दोस्त मुझे Fb मेँ हर कहीँ पर इन्हे भी फिक्र है कुछ Like coment हो उनके याहाँ ।

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