#महानदी का #जन्म छतिशगड मे मगर #यौवन व #महासंगम ओडिशा में हुआ है । कभी #चित्रोत्पला के नामसे विख्यात रही यह नदी लगभग 851 कि.मी लम्बा है जिसमें से केवल 286 km. छतिशगड में आता है ।
ओडिशा के पास ओर भी नदीआँ है लेकिन छतिसगड के पास सिर्फ महानदी ।
छतिसगड के 58.48% जलश्रोत महानदी ओर उसकी शाखा नदीओं के जल ही है ! 1948 में हिराकुद जैसे विशाल #डैम (25√किमी.) बनते समय #मध्यप्रदेश के हजारों लोग जो कि #ओडिआ ही थे को अपना भूमि गवाँना पडा था । आज हिराकुद के 87% हिस्सा छतिशगड में है बाकी ओडिशा में .........
#मध्यप्रदेश छतिसगड सरकार ने कई
बार #हिराकुद से लाभ लेना चाहा लेकिन ओडिशा सरकार ने होने नहीं दिया ......। ज्यादातर लाभ ओडिआओं को ही मिलता रहा ....छतिसगड का पानी ओडिआ लोग पिइते नहाते इंडस्ट्रिल युज करते रहे.......
छतिसगड बेचार ठगा सा वर्षौं मूकदर्शक बनारहा .....
छतिशगड नें महानदी व उसके शाखा नदीओं पर जब बांध बनाने लगा तब #bjd के #कुम्भकर्ण नेताओं कि #निद्रा भंग हुई । वो चिल्लाने लगे ....
लो जी हमें तो बताए ही नहीं ........
#छतिशगड बेवफा है 😂😂😂😂😂
इटिसी......
छतिसगड ने वाकायदा एक विदेशी संस्था #प्राइस वाटर हाउस को द्वारा पहले तो सर्वे किया फिर चतुरता के साथ बडे बांध के वजाय छोटे व मध्यम प्रकल्प लगाया लेकिन ये सब चोरीछिपे नहीं हुआ था । इसका कोई सबुत नहीं कि छतिसगड ने बांध बनवाके #सर्जिकल_स्ट्राइक करदिया हो ओर किसीको पता न चला.......
15 साल पहले प्रारम्भ किएगये तथा
90% काम पुरा हो चुके जलपरियोजनाओं पर #अंतिम अवस्था मे चिल्लाने से #छतिसगड CM का #पुतला जलाने से अब कछ्छु होनेवाला है नहीं........
#ओडिशावालों के पास 2 रास्ते है ....महानदी को बचने के लिये #फ्रिडेलकास्त्रो ......#चे_गुवारा टाइप #विद्रोह करो .........अपना दुजों का घर जलाओ ...... #उत्तरभारतीयों को ढुंढ के भगा भगा के मारो ..... #भारत से अलग हो जाओ
या ,,,,,,,
महानदी के शव को #दानामाझीं के तरह अपने #कन्धों पर ढोने को तैयार हो जाओ........
मुझे पता है ...
पहलावाला अप्सन तुमसे होने से रहा ,,,,,,
तो महानदी के #शवयात्रा में सामिल होने को तैयार रहो........
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