ब्लॉग आर्काइव

शुक्रवार, 2 दिसंबर 2016

क्षेत्रवादी कौन ?

#क्षेत्रवादी हमेशा #northeast #eastindian #southindia के लोग ही क्युँ होते है ?.....

क्या सिर्फ उत्तरभारतीय ही सच्चे देशभक्त तथा असली भारतीय है ?

1.
एक पढेलिखे उत्तरभारतीय को भी इन तिनों क्षेत्र के बारे में कम ही पता होता है.....

जबकी किसी तामिलभाषी..बंगाली या.ओडिआ को पुछकर देखिए उत्तरभारत के बारे मे उनसे ज्यादे ही बता देगें ...कमसे कम हमें पता होता है lakhnow युपी का विहार का पटना,भोपाल एम्पी की राजधानी है ......उत्तरभारतीयों को पुछलिजिए ओडिशा कहाँ है जी कहेगें उ केरल कै पास न भैया ...हम गये थे भैया घुमने बहुतै नारियल का पैड होता है उहाँ 😁😁😁

2.
उत्तर भारतीय हमारे भाषाओं को नहीं सिखते उन्हें ऐसी वाहियात भाषाओं को वोलते हुए भी कोई मिलगया न अपने 36 दान्त दिखाने से खुदको रोक नहीं पाते......
इधर हमारे यहाँ के देशद्रोही लोग उनके भाषाओं को भी समझलेते है और ना सिर्फ समझते है वल्की उनके भाषाको वोलकै गर्व भी अनुभव करते है (जैसे हिन्हीभाषी अंग्रेजी बोलकै स्टाईल मारते है 😂😂) ।.

3.
उत्तरभारतीओं द्वारा लिखेगये पुराणों में
दक्षिणभारतीय राक्षस,
पूर्वभारतीय उत्तरपूर्व के लोग म्लैछ यवन आदिवासी असुर आदि बताए गये है ......
हमने फिर भी उनके पुराणों,तौहार धर्म को अपनाया और यहाँतक कि समुचे विश्व में फैलाया लेकिन उन्हें ये भी नागवार गुजरा उन्होने इसका श्रेय आगस्त्य ऋषि को दे दिया ......


4
हिन्दीभाषीओं के स्कुली किताबों में ओडिशा दक्षिणभारत नर्थ इस्ट का इतिहास व जननायकों पर तथ्य नहीं होते ।
नहीं होता उनके किताबों में सुरेन्द्र साए,वक्सी जगबन्धु के बारे में एक लाइन ......
लेकिन हमें पढने को बाध्य किया जाता है रानी लक्ष्मीवाई से लैके चन्द्रगुप्त तक का इतिहास ......

ऐसे सोचने पर कई पोएटं ओर मिलेगें ये प्रुफ करने में कि उत्तरभारतीय ही सच्चे भारतीय है शेष भारत के लोग क्षेत्रवादी जातिवादी विदेशी अनार्य देशद्रोही फलाना ढिमकाना 😏..............

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें