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शुक्रवार, 11 जुलाई 2025

रोम नगर कैसे बसाया गया था ?

कई शताब्दियाँ पहले, इटली के एक प्राचीन नगर अल्बा लॉन्गा में राजा नुमिटर का शासन था। उनकी एक सुंदर पुत्री थी, जिसका नाम रिया सिल्विया था। लेकिन नुमिटर का भाई अमूलियस अत्यंत लोभी और सत्तालोलुप था। उसने नुमिटर को सिंहासन से हटाकर स्वयं राजा बन गया। अपने शासन को सुरक्षित रखने के लिए अमूलियस ने अपनी भतीजी रिया सिल्विया को वेस्टाल वर्जिन बनने के लिए बाध्य किया, जिसके कारण वह विवाह और संतान उत्पन्न करने से वंचित रहती थी। वेस्टाल वर्जिन रोम के समाज में अत्यंत सम्मानित थीं और उनका मुख्य कार्य देवी वेस्टा के मंदिर में पवित्र अग्नि को जलाए रखना था, जो रोम की समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक थी। वेस्टाल वर्जिन 30 वर्षों तक कुंवारी रहने की शपथ लेती थीं। उन्हें विवाह और संतान उत्पन्न करना निषिद्ध था। सामान्यतः 6 से 10 वर्ष की आयु में उच्च कुल की कन्याओं को वेस्टाल वर्जिन के रूप में चुना जाता था। उनकी संख्या सामान्यतः 6 होती थी, जिन्हें रोम के प्रधान पुरोहित (पॉन्टिफेक्स मैक्सिमस) चुनते थे।

वेस्टाल वर्जिन के रूप में रिया सिल्विया देवी वेस्टा के मंदिर में निष्ठा के साथ सेवा करती थीं, लेकिन एक रात एक अलौकिक घटना घटी। युद्ध और शक्ति के देवता मार्स रिया सिल्विया की सुंदरता पर मोहित हो गए। दैवीय रूप में उनके पास आकर मार्स ने रिया को गर्भवती कर दिया। इस अलौकिक संबंध से रिया ने जुड़वां बच्चों, रोमुलस और रेमुस, को जन्म दिया। लेकिन यह बात किसी तरह अमूलियस को पता चल गई। अमूलियस ने इन बच्चों को अपने सिंहासन के लिए खतरा मानकर एक क्रूर निर्णय लिया। उसने रिया सिल्विया को दंडित किया और आदेश दिया कि दोनों बच्चों को एक टोकरी में रखकर टाइबर नदी में बहा दिया जाए।

नदी का प्रवाह बच्चों को दूर ले गया, लेकिन भाग्य ने उनका साथ दिया। टोकरी नदी के किनारे, पालाटाइन पहाड़ी के पास, एक वृक्ष की जड़ में अटक गई। वहाँ एक मादा भेड़िया, जो अपने बच्चों को पाल रही थी, ने इन बच्चों को देखा। मातृभाव से प्रेरित होकर भेड़िया ने रोमुलस और रेमुस को अपना दूध पिलाकर पालना शुरू किया। कई दिनों बाद, फाउस्तुलस नामक एक दयालु चरवाहे ने इन बच्चों को खोज लिया। उसने और उसकी पत्नी लारेन्सिया ने इन बच्चों को अपने संतानों की तरह पाला।


रोमुलस और रेमुस युवावस्था तक फाउस्तुलस और उनकी पत्नी लारेन्सिया द्वारा चरवाहों के रूप में पाले गए। वे शक्तिशाली, साहसी और नेतृत्व गुणों से परिपूर्ण थे, जो उन्हें अन्य चरवाहों से अलग बनाता था। तारों के बीच रोमुलस और रेमुस सूर्य और चंद्रमा की तरह चमकते थे। उनके असाधारण गुणों और चेहरों ने फाउस्तुलस के मन में संदेह पैदा किया कि ये बच्चे साधारण नहीं हैं।

एक दिन रेमुस अल्बा लॉन्गा के राजा अमूलियस के चरवाहों के साथ एक विवाद में उलझ गया, जिसके फलस्वरूप उसे बंदी बना लिया गया। रोमुलस अपने भाई को मुक्त कराने के लिए आगे आया।

फाउस्तुलस ने अल्बा लॉन्गा में रिया सिल्विया के गर्भवती होने और बच्चों को नदी में बहाए जाने की खबर सुनी थी। वह यह भी जानता था कि रिया सिल्विया राजा नुमिटर की पुत्री थीं और बच्चे उनके पुत्र हो सकते हैं। इसलिए, उसने रोमुलस और रेमुस की वास्तविक पहचान के बारे में पहले से अनुमान लगा लिया था या आंशिक रूप से जानता था। जब फाउस्तुलस ने अपने पालित पुत्रों को संकट में देखा, तो उसने निर्णय लिया कि अब सत्य प्रकट करने का समय आ गया है। उसने रोमुलस और रेमुस को बताया कि वे रिया सिल्विया के पुत्र हैं, जो राजा नुमिटर की पुत्री थीं और मंगल देवता मार्स द्वारा उनकी उत्पत्ति हुई थी। उसने यह भी खुलासा किया कि अमूलियस ने उन्हें शिशु अवस्था में टाइबर नदी में बहा दिया था, लेकिन एक मादा भेड़िया ने उन्हें अपने बच्चों की तरह पाला था।

सब कुछ जानकर रोमुलस और रेमुस के मन में प्रतिशोध की ज्वाला भड़क उठी। वे अल्बा लॉन्गा लौटे, अमूलियस को परास्त और मार डाला, और अपने दादा नुमिटर को सिंहासन वापस दिला दिया।

लेकिन रोमुलस और रेमुस के मन में एक नया शहर स्थापित करने का सपना था। उन्होंने टाइबर नदी के तट पर, जहाँ भेड़िया ने उन्हें पाला था, उस स्थान को चुना। लेकिन यह तय करने में कि शहर किस पहाड़ी पर बने और इसका नेतृत्व कौन करे, दोनों भाइयों के बीच विवाद हो गया। रोमुलस ने पालाटाइन पहाड़ी को चुना, जबकि रेमुस अवेंटाइन पहाड़ी चाहता था।

इस विवाद का समाधान करने के लिए उन्होंने देवताओं के संकेत खोजने का निर्णय लिया। इसके लिए उन्होंने अगुरी प्रथा का पालन किया। प्राचीन रोम में, “अगुरी” (augury) नामक एक धार्मिक प्रथा थी, जिसमें पक्षियों के उड़ान, व्यवहार या संख्या के आधार पर देवताओं की इच्छा या भविष्यवाणी का आकलन किया जाता था। इन संकेतों की व्याख्या अगुर (augurs) नामक धार्मिक विशेषज्ञ करते थे। अगुरी प्रथा के अनुसार, रेमुस ने पहले छह गिद्ध देखे, लेकिन रोमुलस ने बारह गिद्ध देखकर स्वयं को विजेता घोषित किया।

रोमुलस ने पालाटाइन पहाड़ी पर शहर का निर्माण शुरू किया और एक प्राचीर बनवाने लगा। रेमुस, निराश और क्रोधित होकर, रोमुलस की प्राचीर को अवहेलना में लांघ गया। इससे रोमुलस इतना क्रुद्ध हुआ कि उसने रेमुस की हत्या कर दी। लेकिन बाद में दुख में डूबकर, रोमुलस ने अपने नाम पर शहर का नाम “रोम” रखा और इसका पहला राजा बना। लेकिन अपने भाई को क्रोध में मार देने के कारण रोमुलस ने जीवनभर मानसिक यंत्रणा भोगी। कहा जाता है कि लगभग 753 ईसा पूर्व में “रोम” नगर की स्थापना हुई थी।

रोम को शक्तिशाली बनाने के लिए रोमुलस ने एक आश्रय स्थल (Asylum) की घोषणा की, जहाँ भगोड़े, दुखी, गरीब और अपराधी आकर नया जीवन शुरू कर सकते थे। इससे रोम की जनसंख्या बढ़ी। लेकिन उस समय रोम में महिलाओं की कमी थी। इसका समाधान करने के लिए रोमुलस ने पड़ोसी सैबाइन जनजाति की महिलाओं का अपहरण करने का आदेश दिया। इससे सैबाइनों के साथ युद्ध हुआ, लेकिन बाद में रोमियों और सैबाइनों के बीच संधि हो गई। रोमुलस रोम का पहला राजा बना और एक सेना, सीनेट (Senate) और धार्मिक व्यवस्था की स्थापना की। उसने रोम समाज को “पैट्रिशियन” (उच्च वर्ग) और “प्लेबियन” (सामान्य जनता) में विभाजित किया। रोमुलस ने विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों और मंदिरों की स्थापना कर रोम को एक धार्मिक केंद्र के रूप में विकसित किया।

रोमुलस ने लगभग 37 वर्षों तक शासन किया। एक दिन, एक रहस्यमय घटना में, एक विशेष धार्मिक अनुष्ठान के दौरान, कैम्पस मार्सियस नामक स्थान पर वह लुप्त हो गया। कहा जाता है कि मार्स देवता उसे स्वर्ग ले गए, और वह “क्विरिनस” नामक देवता के रूप में पूजा जाने लगा।

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रोमुलस और रेमुस की यह कहानी मुख्य रूप से लिवी के रोमन इतिहास ग्रंथ “एब उर्बे कोंडिता” (Ab Urbe Condita, अर्थात “नगरी की स्थापना से”) में उल्लिखित है। यह रोम के पौराणिक संस्थापक रोमुलस और उनके भाई रेमुस की कहानी का वर्णन करती है। यह कहानी अन्य रोमन लेखकों, जैसे प्लूटार्क के “लाइव्स ऑफ रोमुलस” और ओविड के “फास्टी” में भी आंशिक रूप से उल्लिखित है।

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श्रीकृष्ण-बलराम के साथ समानता और अंतर~

रोम की स्थापना की यह कहानी श्रीकृष्ण और बलराम की कथा के साथ कुछ समानताएँ और कई अंतर रखती है। इटली के अल्बा लॉन्गा में नुमिटर शासन करते थे, जिन्हें उनके भाई अमूलियस ने गद्दी से हटा दिया था। ठीक उसी तरह, मथुरा के शासक उग्रसेन को उनके पुत्र कंस ने गद्दी से हटाया था। नुमिटर की पुत्री रिया सिल्विया के बच्चों को उनके दादा अमूलियस ने अल्बा लॉन्गा के पास बहने वाली टाइबर नदी में बहाने का आदेश दिया था। श्रीकृष्ण की जीवन गाथा में वह नदी यमुना थी, जिसे वसुदेव ने पार कर श्रीकृष्ण को नंदपुर ले जाकर छोड़ा था।

रिया सिल्विया के पुत्र रोमुलस और रेमुस युवावस्था तक फाउस्तुलस और उनकी पत्नी लारेन्सिया द्वारा चरवाहों के रूप में पाले गए। ठीक उसी तरह, श्रीकृष्ण को नंदराज और यशोदा ने गौड़ घर में कई वर्षों तक पाला था। अपनी वास्तविक पहचान जानने के बाद रोमुलस और रेमुस टाइबर नदी के पास अल्बा लॉन्गा लौटे और अमूलियस को परास्त व मारकर अपने दादा नुमिटर को सिंहासन सौंप दिया। श्रीकृष्ण और बलराम ने भी मथुरा जाकर कंस का गर्व तोड़ा, जिसके भय से कंस की मृत्यु हुई। बाद में श्रीकृष्ण ने अपने दादा उग्रसेन को मथुरा का सिंहासन सौंप दिया।

रोमुलस और रेमुस ने टाइबर नदी के तट पर एक नया नगर स्थापित करने की कोशिश की, ठीक उसी तरह श्रीकृष्ण और बलराम के प्रयास से समुद्र के बीच द्वारका नगरी स्थापित हुई। कुछ संस्करणों में रिया सिल्विया को उनके पुत्रों के जन्म के कारण अमूलियस द्वारा कारागार में बंद करने या मृत्युदंड देने की बात कही गई है। उसी तरह, श्रीकृष्ण और बलराम की गाथा में देवकी और वसुदेव को कारागार में बंद किया गया था।

इसके अतिरिक्त, श्रीकृष्ण और बलराम की गाथा और रोमुलस और रेमुस की गाथा में कई अंतर भी हैं, जो कहानी में पहले वर्णित किए जा चुके हैं।

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स्थान संबंधी जानकारी~

अल्बा लॉन्गा : इसका आधुनिक नाम अल्बानो लाज़ियाले है, और यह अल्बान हिल्स क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है। यह इटली के रोम शहर से लगभग 20-30 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है। यह एक प्राचीन शहर था, जिसके अवशेष अब भी अल्बान हिल्स में देखे जा सकते हैं।

टाइबर नदी: इटली के मध्य भाग से बहने वाली एक प्रमुख नदी, जो रोम शहर से होकर गुजरती है।

पालाटाइन पहाड़ी : रोम की सात पहाड़ियों में से एक, जो आधुनिक रोम के केंद्रीय क्षेत्र में स्थित है। यह प्राचीन रोमन महलों और मंदिरों के अवशेषों के लिए प्रसिद्ध है।

अवेंटाइन पहाड़ी: रोम की सात पहाड़ियों में से एक, जो टाइबर नदी के निकट स्थित है। यह वर्तमान में एक शांत आवासीय क्षेत्र और ऐतिहासिक स्थल के रूप में जाना जाता है।

कैम्पस मार्सियस: इसका वर्तमान नाम कैंपो मार्ज़ियो है, जहाँ रोमुलस लुप्त हो गए थे। यह स्थान रोम में टाइबर नदी के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में स्थित है। प्राचीन काल में इसे सैन्य और धार्मिक कार्यों के लिए उपयोग किया जाता था; वर्तमान में यह रोम का एक लोकप्रिय ऐतिहासिक क्षेत्र है। 
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